Vishal Ramawat

Add To collaction

THE WORST ANIMAL(HUMAN)-14

रात के समय सभी बैठ के खाना खा रहे थे सलोनी चुपचाप अपना खाना खा रही थी । तभी उसके पापा बोले सलोनी तुम्हारे स्कूल में कोई प्रोग्राम होने वाला है क्या। सलोनी बोली "क्यों किया क्या हुआ ?, हा होने वाला है और मैंने किसी में भाग नहीं लिया है आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है । आपकी इज्जत कहीं नहीं जाने वाली,तो आप बेफिक्र रहे।  इस पूरे घर की इज्जत मेरे कंधों पर ही तो है ना तो मैं किसी भी प्रोग्राम में भाग नहीं लूंगी ।"

"क्या पता अगर मैंने भाग लिया और आपकी इज्जत मिट्टी में मिल गई तो उसके जिम्मेदार मैं ही होंगी ना तो मैं ऐसी गलती कभी नहीं कर सकती आप बेफिक्र रहिए और खाना खाए।"

सलोनी के पापा बोले देखा मां यह कितनी बदतमीज हो गई है यह अपने बाप के सामने किस तरीके से बात कर रही है । एक शर्मा जी की लड़की वह उनकी कितनी इज्जत करती है वह सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देती है और उसके दोस्त भी पढने वाले है। उसके दोस्तो की तरह आवारा गिरी करने वाले नहीं है वह सब इन झंझटो से दूर रहते हैं उन्हे सिर्फ पढ़ाई से मतलब होता है फालतू कामों से नहीं ।

एक यह और इनकी दोस्त हैं आवारा गिरी के अलावा कुछ नहीं आता, लड़कों को मारना फालतू काम करना, गाने गाना, सबके सामने स्टेज पर डांस करना। वो यह सब करती रहती हो उसे तो अपने घर की इज्जत की फिक्र है नहीं और दूसरों के घर की भी इज्जत की धज्जियां उड़ना चाहती है।

इस बार फिर से सलोनी को अपने पापा पर गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर वो कुछ नहीं बोली क्योंकि मौली ने उसे बोलने के लिए मना किया था । सलोनी खाना अधूरा छोड़ कर अपने कमरे की तरफ चली गई उसके पापा उसे पीछे से आवाज लगाते रहे पर उसने नही सुनी। उसका मूड फिर से खराब हो चुका था। पीछे से उसके पापा भी उठे और सलोनी के कमरे की तरफ गए वह बहुत गुस्से में थे।

पीछे से उसकी मम्मी और दादी भी कमरे की तरफ भागी। सलोनी ने कमरे का दरवाजा बंद नहीं किया था उसके पापा कमरे में आए और दरवाजा अंदर से बंद किया। कमरे के बाहर सलोनी की दादी और मम्मी बाहर दरवाजा बजा रही तो की दरवाजा खोलो। सलोनी अपने पापा को गुस्से में देख कर डर गई वह पीछे हटने लगी और उसके पापा आगे बढ़ने लगे।

पास जाकर उन्होंने सलोनी को एक थपड़ मारा और बोले ज्यादा जुबान चलने लगी है तेरी आज कल अपने बाप के सामने जुबान चलाती है यह सब तूने उसी से सीखा है ना। वह उसे 10 से 12 थपड़ मारते है और सलोनी को रोता हुआ छोड़ कर कमरे से बाहर निकल जाते है। बाहर जाकर दरवाजा बाहर से बंद कर देते है और किसी को भी खोलने से मना कर देते है ।

फिर वह अपने कमरे में चले जाते है और दादी को सोने के लिए और उसकी मां को भी कमरे में आने के लिए बोलते है। सलोनी रोती रहती है उसने मौली को फोन किया और रोते हुए उसे पूरी बात बताई।

जिसे सुनकर बोली भी परेशान हो गई वह उसे शांत हो जाने के लिए कहने लगी लेकिन वह जानती थी कि उसके पापा ऐसे ही हैं । आज एक बार फिर से उन्होंने उस पर हाथ उठाया था अगर सलोनी छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होने लगी तो वह अपने पापा से दूर हो जाएगी ऐसा मैं कभी नहीं चाहती थी।

सलोनी मौली से बोली मेरे पापा तुम्हारे पापा के जैसे क्यों नहीं हो सकते मेरे पापा को हमेशा लड़कियों से प्रॉब्लम होती है। तुम यह नहीं करोगी, तुम यह नहीं पहनोगी , कभी-कभी तो मन करता है घर छोड़ कर भाग जाऊ या खुद को ही खत्म कर लू। ऐसे जी कर भी क्या फायदा अपने मन का कुछ कर नहीं सकते खुलकर किसी से बात नहीं कर सकते अगर किसी से 2 मिनट बात कर ली घर आकर उनके ताने सुनो।

मौली बोली तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी ना तुम घर छोड़ कर जाओगी ना खुद को नुकसान पहुंचाओगी। याद रखना सभी के पापा एक जैसे नहीं होते पर तुम्हारे पापा बहुत अच्छे हैं उन्हें समझने की कोशिश करो । बस वो आसानी से किसी की बातों में आ जाते हैं।

सलोनी रोते हुए बोली मुझे भी तेरे पापा जैसे पापा चाहिए जो मेरी सुने। मेरे पापा सिर्फ मुझ पर हुकुम चलाते हैं उन्होंने जो बात कह दी वह फाइनल । ना कभी मेरे पास बैठ कर ढंग से बात कि ना कभी मेरी बात सुनी ना कभी मुझसे पूछा कि मुझे क्या चाहिए मुझे क्या पसंद है ।

उन्हें तो अपनी बेटी की पसंद ना पसंद के बारे में भी नहीं पता है ऐसे पापा से तो अच्छा था कि मेरे पापा भी नहीं होते । मौली उस पर गुस्सा होते हुए बोली तू बोल क्या रही है तुझे पता भी है जो मुंह में बोले जा रही है गुस्सा नहीं होते । मौली बोली ऐसे नही बोलते तुम कमजोर थोड़ी हो । हम हैं ना तुम्हारे साथ तो तुम क्या इतना टेंशन करती हो।

मौली ने कुछ देर बात करके उसे सोने के लिए कहा सलोनी भी रोते रोते सो गई  अब उसका रोज का हो गया था रोज रात को रोते रोते सो जाती । मौली भी परेशान थी सलोनी के लिए पर वह कुछ कर नहीं सकती थी किसी परिवार के बीच में बोलना अच्छी बात नहीं थी अगर वह कुछ बोलती भी तो सलोनी के लिए भी दिक्कत होती इसलिए वह खामोश रही।

रात के करीब 11:00 बजे।

रंजना के घर पर किसी ने दस्तक दी कोई दरवाजा बजा रहा था रंजना साहिल के साथ सो रही थी। साहिल गहरी नींद में सो रहा था इसलिए उसकी नींद नहीं खुली। रंजना उससे सुलाकर कमरे से बाहर आए उसे डर लग रहा था कि इतनी रात को कौन हो सकता है और धीरे-धीरे दरवाजे के पास गई और खिड़की से बाहर जाकर देखा तो वह पुलिस वाला खड़ा था।

रंजना ने दरवाजा नहीं खोला और वापस अंदर आ गई। वह पुलिस वाला दरवाजा बजा तारा 10 से 15 मिनट हुई थी कि दरवाजा बजना बंद हो गया रंजना को लगा शायद वो को चला गया इसलिए कमरे से उठकर वापस बाहर आई।

वह हॉल से होते हुए वापस दरवाजे के पास जाकर खिड़की से बाहर देखने लगी तो उसे बाहर कोई दिखाई नहीं दिया तभी उसे किसी के हाथ अपने शरीर पर महसूस हुए उसकी धड़कन बढ़ गई । उससे पीछे मुड़कर देखा तो ही पुलिस वाला खड़ा था उसके पीछे रंजना चिल्लाने क्यों हुई तो उस पुलिस वाले ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और उसे आंखों से चुप रहने का इशारा किया ।

रंजना शांत हुई तो उसने अपनी गन निकाल दी और बोला मैंने तुझे कहा था ना मैं कभी भी आऊंगा फिर तेरी इतनी हिम्मत कैसे हुई तूने दरवाजा नहीं खोला। उसने रंजना को थप्पड़ मारा अगर तूने ऐसी गलती की दोबारा की तो उसी समय तुम्हें और तुम्हारे बेटे दोनों को मार डालूंगा किसी को पता भी नहीं चलेगा किसने किया वह रोने लगी।

रंजना उसके पैर पकड़कर रोते हुए बोली आप क्यों कर रहे हमारे साथ ऐसा पहले ही हमारी बेटी पता नहीं कहां है हमें अभी तक उसके बारे में कुछ पता नहीं चला। ओर आप और हमे परेशान कर रहे है आप हमें छोड़ क्यों नहीं देते हमारे हाल पर। क्या मिल रहा है आपको ऐसा करके हमारे साथ आप जानते हैं मैं शादीशुदा हूं मेरे पति की पिछले साल की मौत हुई है फिर भी आप मेरे साथ ऐसा कर रहे हैं यह गलत है प्लीज आप हमें छोड़ दीजिए।

पुलिसवाला रंजना को उसका कंधा पकड़ कर उठाते हुए बोला ज्यादा फालतू बातें मत कर चुपचाप कमरे में चल मैं आ रहा हूं और वह उसे पकड़ कर उसके दूसरे वाले कमरे में लेकर चला गया।

रंजना ने उस पुलिस वाले की बात मानकर अपने बेटे के खातिर अपने कपड़े उतारने शुरू किए और कुछ देर में उसने अपने कपड़े उतार दिए और पुलिस वाला उसे बेड पर पटक दिया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा हुआ। उसे किस करने की भी कोशिश कर रहा था जबरदस्ती से ।

उस पुलिस वाले ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी आज एक बार फिर से उस पुलिस वालों के साथ जबरदस्ती करता है उसके शरीर पर जगह-जगह से दांतों से काट देता है रंजना की आवाज सुनकर साहिल जग जाता है और वह कमरे के बाहर आकर दरवाजा बजाता है और बोलता है मम्मा क्या हुआ आप ठीक तो है ना आपको चोट लगी है क्या आपकी आवाज सुनी मैंने ।

रंजना उस पुलिसवालों वाले को छोड़ने के लिए कहने लगी पर वह नहीं माना और लगातार रंजना के साथ जबरदस्ती करने लगा । कुछ देर बाद बस शांत हुआ और उसने अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोलकर बाहर निकल गया साहिल उस पुलिस वाले को बाहर जाते हुए देखता रहा रंजना ऐसे ही पड़ी रही है उसका शरीर भी शांत साथ नहीं दे रहा था कि उठकर अपने शरीर को ढक ले और पूरी तरीके से टूट चुकी थी और बेबस महसूस कर रही थी।

वह पुलिस वाला घर से बाहर निकल गया साहिल ने जाकर घर का दरवाजा बंद किया और अपने कमरे में जाकर एक चद्दर लेकर आया और अपनी मां को उसने चादर से ढका साहिल ।

रंजना के आंसू पहुंचने लगा और कुछ नहीं बोल रहा था बस शांति से उसके साथ बैठा हुआ था रंजना उसकी गोदी में सिर रखकर बहुत देर तक रोती रही और कुछ ही देर में सो गई पर साहिल को नींद नहीं आ रही थी।।

वह कुछ सोच रहा था कि क्या किया जाए वैसे ही सुबह हो गई जब रंजना की नींद खुली तो उसने देखा साहिल बैठे-बैठे ही सो गया और उसका सिर साहिल की गोद में था और उसने अपना सिर दीवार से टिकाया हुआ था।

कमश:
।। जयसियाराम ।।
vishalramawat"सुकून"(जाना)


   24
11 Comments

Natasha

05-Apr-2023 12:16 PM

Nice

Reply

👌👌👌

Reply

अदिति झा

03-Feb-2023 01:09 PM

Nice 👍🏼

Reply